Saturday, April 2, 2011

ए.टी.एम गार्ड से चुदा

आपका प्यारा सनी गांडू एक बार फिर सबसे नमस्ते कहता है। सबकी शिकायत है कि मैं अब लंड का प्यासा नहीं रहा। ऐसी बात बिल्कुल नहीं है, सभी जानते हैं अन्तर्वासना के सर्वर में आई तकनीकी खराबी के चलते काफी भेजी हुई कहानियों का डाटा लॉस हो गया है।

खैर सनी अपनी ताज़ा चुदाई लेकर हाज़िर है जिसका हिंट मैं याहू चैट पर कुछ ख़ास पुराने पाठकों को दे चुका हूँ।

मेरे घर के करीब बैंक आफ पंजाब की शाखा है, साथ ही ए.टी.एम मशीन लगी हुई है। उस पर बैठने वाले गार्ड से मेरी गांड का टांका फिट हो गया। मैं अक्सर वहाँ से पैसे निकालने जाता रहता हूँ, घर से एक किलोमीटर ही दूरी पर है। उस पर बैठने वाले गार्ड बहुत ज़बरदस्त हैं, अक्सर उन्हें देख मेरी गांड में हलचल होने लगती है।

अपनी अदाओं से मैंने उनको कुछ संकेत भी दिए, पर शायद वो अपनी रोज़ी रोटी को सामने रख मुझसे किनारा करते थे। दोनों ही पंजाबी नहीं थे, शायद प्रवासी थे।

उनकी शिफ्ट बदलती रहती थी।

एक रात मैं एक जगह छुप कर इंतज़ार में था उसका घर देखने के लिए, उसका घर बैंक के पीछे था। मैंने देखा कि वो अकेला किराए पर रहता था। एक दिन दूसरे का पीछा किया वो भी उससे चार गली छोड़ रहता था। मैं जानता था कि वो मुझे समझ चुके हैं, उनको देख अपना होंठ चबा देता, जुबान होंठों पर फिरा कर उनको उकसाता। अब मैं जानता था कि वो अकेले रहते हैं। उनका परिवार शायद वहीं होगा उनके प्रदेश में।

मैंने भी सोच लिया कि अब बात आगे बढ़ाने का समय है।

एक दिन में पैसे निकालने के बहाने गया, मैं झुक कर मशीन में कार्ड डालने के लिए अपनी गांड हिला के उसका लंड बेईमान करना चाहता था, मैंने उसको बुलाया- इधर आना, मुझे पता नहीं चल रहा है, कुछ समझा देना।

मैं पीछे नहीं हुआ, वो पीछे आकर खड़ा हो गया।

हाँ ! जरा समझा देना !

बोला- साइड देना !

यहीं पीछे खड़े होकर समझा दो !

मैं घोड़ी की तरह उसके आगे झुका रहा। जब वो मेरा कार्ड डालने लगा तो मैंने गांड पीछे सरका दी जो उसके लंड पर घिसने लगी, उसको मजा आया तो वो आगे हुआ, मैं जानता था कि सी.सी.टी.वी में हरक़त कैद होगी, इसलिए सब कुछ अनजाने में शो किया।

वह बोला- अपना कोड लगाओ !

हाँ हाँ ! तुम भी कुछ लगाओ ना !

वो मुस्कुरा दिया।

यह सब मैंने बहुत धीरे से कहा। कोड लगा कर फिर पीछे सरक कर उसके खतरनाक एरिया पर घिसने लगा, खुजलाने के बहाने मैंने नीचे से उसके लौड़े पर हाथ फेर दिया।

साले यहाँ हमारे अलावा तीसरी आँख भी चल रही है !

तो तुम कुछ करो ना !

बाहर देखते हैं !

देखना क्या है नीचे बेसमेंट अभी बन रही है, वहाँ कौन आता जाता है।

बाहर आकर बोला- मरवाएगा मुझे ? अन्दर कैसी हरक़त करने लगे थे?

क्या करूँ ? तेरे ऊपर दिल आने लगा है !

साले तुम तो दोनों पर लाइन मारते हो !

मैं कौन सी लड़की हूँ जिससे तूने शादी करनी है?

मैंने इधर उधर देखा और जल्दी से बेसमेंट में घुस गया।

वो बोला- मेरी अभी डयूटी है !

दो मिनट के लिए नीचे आओ !

वो नीचे आया ! मैंने जल्दी से उसकी जिप खोल डाली, हाथ घुसा लंड निकाला, क्या जानदार लण्ड था उसका ! मैं मुँह में डाल चूसने लगा।

वह बोला- तू मस्त है यार, लेकिन तू रात को आना ! बारह के बाद ! तब कोई नहीं होता।

मैंने कहा- उसके लिए अभी तुझे दो दिन का इंतज़ार करना होगा, मैं शहर से बाहर जा रहा हूँ।

फिर दोबारा गया, वहाँ दूसरा था !

उससे भी वैसे किया, मशीन के बारे में बताने के बहाने गांड रगड़वाई।

वो अलग किस्म का था, उसने वहीं चुपके साथ मेरी गांड पर हाथ फेर दिया। मैंने उसको कहा- तेरा दोस्त बहुत डरता है, उसने मुझे आधी रात आने को कहा है।

मैंने उसे बेसमेंट में लेजाकर उसकी जिप खोली। उसका लौड़ा ज़बरदस्त से भी कहीं ज़बरदस्त था, काले रंग का लंबा सा लंड था, मुँह में लिया और चूसने लगा।

वो निडर था, बोला- चूस साले !

उसने पैंट ही खोल घुटनों तक सरका दी, बोला- मेरी बाल्स को चूस !

अह अह करने लगा, बोला- मुठ मारता जा !

मुँह में लेकर उसकी मुठ मारी

बोला- छूटने वाला हूँ !

मैंने निकाल दिया तो बोला- चल रात को आना !

उस दिन मैं घर अकेला था, मैंने अपनी बहन की सेक्सी ड्रेस निकाली जो वो सबसे छुपा रखती थी, मैंने काली ब्रा पैंटी पहनी, उसका पारदर्शी टॉप गुलाबी रंग का, मिन्नी स्कर्ट पहनी, ऊपर से अपना लोअर और ट्रैक सूट !

रात को मैंने घर का ताला लगाया और पैदल निकल पड़ा।

वहाँ गया तो देखा दोनों मेरा इंतज़ार कर रहे थे। तभी मैंने देखा कि उनके साथ एक बंदा और था।

पूछने पर बताया- साथ ही दोनों रहतें हैं एक कमरे में !

बोले- चल चलें !

कहाँ?

बेसमेंट में !

तीनों वहीं पहुँच गए। जाते ही उन्होनें मेरे कपड़े उतारने शुरु किये। मुझे देख वो हैरान और पागल होने लगे। मुझे उन कपड़ों में देख कर बोले- वाह मेरी रानी ! सच में महान है तू !

उन्होंने दारु पी रखी थी, मुझे चूमने लगे।

एक एक कर मुझे नंगा किया, मैंने तीनों की पैंटें उतरवा दी, तीन लंड सामने थे !

वाह क्या लंड हैं !

घुटनों के बल कुतिया की तरह चलते हुए तीनों के लंड चूसने लगा। एक मेरी गांड देख चाटने भी लग पड़ा। कितना मजा है गांड चुसवाने में ! एक मेरे मुँह में डाल कर बैठा था, मैंने कंडोम निकाला, एक लण्ड पर लगा कर उस पर बैठ गया और कूद-कूद कर चुदने लगा। बाकी दोनों के लौड़े चूसने लगा, कभी एक कभी कभी दूसरे का।

पहले ने चोदा, फिर दूसरे ने घोड़ी बना कर मेरी गांड मारी। तीनों ने कुल मिलाकर मुझे एक घंटा चोदा। मेरी गांड मस्त हो गई। मैं उसके लौड़ों को दुबारा खड़ा करने लगा क्योंकि मेरा अभी और मन था। सुबह के तीन बजे तक मैंने गांड मरवाई ! यह चुदाई भी इतिहास बन गई। मैं लौड़ों के अर्धशतक से सतरह लौड़े पीछे था।

दोस्तो, यह थी सनी की एक और मस्त ठुकाई !

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